गृह विभाग के अन्‍तर्गत राजस्‍थान पुलिस, गृह रक्षा, अभियोजन, कारागार, भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो एवं विधि विज्ञान प्रयोगशाला इत्‍यादि विभाग आते हैं। गृह विभाग के विभिन्‍न कार्यकारी अवयवों द्वारा प्रत्‍येक वर्ष प्रशासनिक प्रतिवेदन तैयार किया जाता है जो विधान सभा के बजट सत्र के समय विधान सभा के पटल पर रखा जाता है। गृह विभाग इन सभी अवयवों का प्रशासनिक विभाग है तथा इनके कार्यों का पर्यवेक्षण हेतु उत्‍तरदायी है।

राजस्‍थान पुलिस:

राजस्‍थान पुलिस द्वारा अपराधों की रोकथाम, अनुसंधान तथा अपराधियों को न्‍यायालय से सजा दिलाने की कार्यवाही की जाती है। इसके लिये पुलिस मुख्‍यालय स्‍तर पर पुलिस आयोजना, कानून एवं व्‍यवस्‍था, अपराध विवेचन, स्‍टेट क्राईम रिकोर्ड ब्‍यूरो, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, पुलिस दूरसंचार, राजस्‍थान शस्‍त्र बल, प्रशिक्षण, सतर्कता, पुलिस कल्‍याण एवं आधुनिकीकरण आदि अवययों के माध्‍यम से कार्य सम्‍पादित किये जाते हैं। वर्तमान में हार्डकोर अपराधियों एवं गंभीर अपराधों पर नियंत्रण, सामुदायिक पुलिस का प्रभावी क्रियान्‍वयन, महिलाओं, बालकों व कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराधों का बहुआयामी उन्‍मूलन, सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश, अपराध प्रबन्‍धन में नवीनतम तकनीक का उपयोग राजस्‍थान पुलिस की प्राथमिकताऐं हैं।

भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो:

भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो का मुख्‍य उद्देश्‍य  लोक सेवकों एवं राजकीय प्रतिष्‍ठानों के अधिकरियों / कर्मचारियों के विरूद्ध भ्रष्‍टाचार से संबंधित मामलों की जांच करना, सूत्र सूचना एकत्रित कर उसको विकसित एवं सत्‍यापित करना, अपराधों का अन्वेषण करना, रिश्वत प्राप्‍त करने वाले लोक सेवकों को रंगे हाथों पकडना, राजकीय पद का दुरूपयोग करने वाले तथा आय से अधिक सम्‍पत्ति‍ अर्जित करने वाले भ्रष्‍ट तत्‍वों को चिन्‍हित कर उनके विरुद्ध कार्यवाही करना।

कारागार:

न्‍यायालय से अभिरक्षा में भेजे गये व्‍यक्तियों को समुचित अभिरक्षा में रखना, राष्‍ट्रीय-अन्‍तर्राष्‍ट्रीय  विधियों का पालन करते हुए बन्दियों में विधि के प्रति सम्‍मान का भाव जाग्रत करना तथा अभिरक्षा में ऐसी शिक्षा देना एवं कार्य सिखाना जिससे वे रिहा होने के पश्‍चात उद्देश्‍य पूर्ण जीवन जीते हुए राष्‍ट्र के उपयोगी नागरिक के रूप में समाज में पुनर्स्थापित हो सकें।

गृह रक्षा:

विधि एवं व्‍यवस्‍था बनाये रखने में पुलिस की सहायता करना, असामान्‍य संकटों में मदद के लिये नागरिक संकट कालीन संगठन का मुख्‍य आधार बनना। जब सामान्‍य सेवाएं प्रभावित हों तब परिवहन, संचार, बिजली, जल तथा परमावश्‍यक सेवाएं संचालित करना।  सरकार की समाज कल्‍याण योजनाओं में मदद करना तथा ऐसे अन्‍य कर्तव्यों  का पालन करना जो राज्‍य सरकार या कमाण्‍डेंट जनरल द्वारा समय समय पर सौंपे जायें। सीमा गृह रक्षा का मुख्‍य कर्तव्‍य सेना की सहायता के रूप में कार्य करना, महत्‍वपूर्ण संस्थानों एवं संवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा का भारतीय सेना की कमाण्‍ड में रहते हुए राष्‍ट्र की रक्षा करना। इसके अतिरिक्‍त आवश्‍यकता पडने पर चुनावों एवं अन्‍य अवसरों पर कानून व्‍यवस्‍था बनाये रखने तथा आंतरिक सुरक्षा में पुलिस / प्रशासन की सहायता करना है।

गृह अभियोजन:

राज्‍य के अधीनस्‍थ स्‍तर के न्‍यायालयों में पुलिस द्वारा प्रस्‍तुत चालान एवं कतिपय अन्‍य विभागों द्वारा प्रस्‍तुत परिवादों / शिकायतों में राज्‍य सरकार की ओर से पैरवी करने का दायित्‍व इस विभाग का है। इस विभाग द्वारा न्‍यायालों में पदस्‍थापित अभियोजन अधिकारीगण अदालतों में राज्‍य सरकार की ओर से कुश्‍लता से पैरवी कर मुकदमेां के शीघ्र एवं सफल निस्‍तारण में सहयोग  करते हैं।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला:

न्‍यायालय को तकनीकी प्रश्‍नों पर तथ्‍यात्‍मक निष्‍कर्ष एवं विवरण प्रस्‍तुत करने हेतु विशेषज्ञ राय विधि विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा उपलब्‍ध कराई जाती है। वैज्ञानिकों द्वारा अपराध से संबंधित घटना स्‍थल का वैज्ञानिक साक्षय की पहचान हेतु निरीक्षण, घटना स्‍थल तथा संदिग्‍ध एवं पीड़ित से प्राप्‍त प्रादर्शो का वैज्ञानिक परीक्षण, अनुसंधान के दौरान घटना स्‍थल, संदिग्‍ध एवं पीड़ित से संबंधित अकाटय वैज्ञानिक साक्ष्‍यों  की कडी को श्रंखलाबद्ध कर अपराध कारित करने व इसके उदेश्‍य का खुलासा करने में महत्‍वपूर्ण योगदान देना। अपराधी के तेजी से बढते हुए संसाधन, कौशल, चातुर्य एवं निपुणता को दृष्टिगत रखते हुए अत्‍याधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों से विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निरंतर सुदृढीकरण किया जाता है जिससे अपराधी की पहचान सुनिश्चित की जा सके। अत्‍याधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों से अपराध के अकाट्य साक्ष्य उपलब्‍ध करवाकर अपराधिक न्‍याय प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जाता है तथा भौतिक साक्ष्‍य के फौरेन्सिक महत्‍व से पुलिस, अभियोजन व न्‍याय पालिका को अभिज्ञानिक कराना ताकि अपराध उन्मूलन में प्रभावी योगदान देते हुए अपराध सिद्ध में वृद्धि हो सके।

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